Saturday, April 14, 2012

aaj bin mausam barsaat hui


आज बिन मौसम बरसात हुई
कुछ बूंदों की सौगात हुई
धुल से गए मायूसी से ढके चेहरे
जब दुःख की भेंट...एक मुस्कराहट के साथ हुई...
आज बिन मौसम बरसात हुई

रिमझिम का संगीत था, नहीं सूरज की बात हुई
परेशानियों  से झुलसे बदन भीग गए ऐसे
जब ख़ुशी की फुहार संग मुलाकात हुई
आज बिन मौसम बरसात हुई


एक सौंधी सी खुशबू से सुबह की शुरुआत हुई
छप-छपाते...गुनगुनाते गुजरा ये दिन
और उसी सौंधी खुशबू के संग रात हुई
आज बिन मौसम बरसात हुई

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