आज बिन मौसम बरसात हुई
कुछ बूंदों की सौगात हुई
धुल से गए मायूसी से ढके चेहरे
जब दुःख की भेंट...एक मुस्कराहट के साथ हुई...
आज बिन मौसम बरसात हुई
रिमझिम का संगीत था, नहीं सूरज की बात हुई
परेशानियों से झुलसे बदन भीग गए ऐसे
जब ख़ुशी की फुहार संग मुलाकात हुई
आज बिन मौसम बरसात हुई
एक सौंधी सी खुशबू से सुबह की शुरुआत हुई
छप-छपाते...गुनगुनाते गुजरा ये दिन
और उसी सौंधी खुशबू के संग रात हुई
आज बिन मौसम बरसात हुई
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