the only english song I can listen to n number of times...there are many fans of the song too,
here I have tried to express, loneliness, in form of my poem..may not be as great as the song..
कितना तनहा हो गया मैं आज
थोडा सा बेबस थोडा सा लाचार
जीवन की ये कैसी मझधार
जो, सब छोड़ चले मेरा हाथ.....
परछाई मेरी, परछाई की तरह साथ देती थी
here I have tried to express, loneliness, in form of my poem..may not be as great as the song..
कितना तनहा हो गया मैं आज
थोडा सा बेबस थोडा सा लाचार
जीवन की ये कैसी मझधार
जो, सब छोड़ चले मेरा हाथ.....
वो जो कुछ ख्वाब थे मेरे
रातों को बहलाते, याद आते सवेरे
खैर, अब नींद ही नहीं तो कैसे ख्वाब.....
कितना तनहा हो गया मैं आज
परछाई मेरी, परछाई की तरह साथ देती थी
उजाले मे तो वो भी पास रहती थी
पर, आज हुआ क्या ज़रा सा अन्धकार....
कितना तनहा हो गया मैं आज
M also feeling lonely reading this poem......
ReplyDeleteयहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है।
Vinod
wowwwww..... :)
ReplyDeleteno wrds to describe....
kya talent hai.....