One of my colleague has to write a poem for her daughter as a part of her holiday home work...I helped her with these poem on -
फलो का राजा आम
फलो की टोकरी...टोकरी मे रखे फल तमाम
सब फलो के बीच दिखा...पीला गठीला मतवाला आम
कभी लंगड़ा है, कभी दशेहरी और सफेदा कभी
कभी अल्फोन्सो है, कभी तोतापरी....तारीफ़ के काबिल सभी
सोचा...चख के देखू तो आज
की क्यों है इसके सर पे फलो के राज का ताज
इसमें ऐसा क्या राज है?
क्यों सभी फलो को इसपे नाज है?
और फिर भी ये इतना आम है
ये कैसा विचित्र इसका नाम है
मीठे रसीले फल में...आज के स्वाद का वादा
बड़ी सी एक गुठली मे..कल के जीवन का इरादा
शायद यही एक बेहतर आज के साथ चलती उज्जवल कल की आस है
जो बनाती इस "आम" को फलो मे "ख़ास" है
एक सुंदर भविष्य की कामना के साथ जीयें अगर हम एक मजबूत आज
तो हर "आम" इंसान होगा "ख़ास" और हर नागरिक करेगा अपने जीवन पे राज !!
PS: I got a dairy milk crackles for this :)
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